अभी तक एयरलाइंस 85% पैसेंजर्स की क्षमता के साथ फ्लाइट की सर्विस दे रही हैं. आदेश के मुताबिक एयरलाइंस 18 अक्टूबर से पूरी क्षमता के साथ उड़ान भरेंगी.
कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. ड्रोन कैसे ज्यादा तरीके से देश में संचालित हों इसके लिए एक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.
इस वजह से पहले की तरह एयरपोर्ट ट्रैफिक होने में रुकावट आ रही है. इससे भी बड़ी समस्या प्राइज कैप है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को भारत में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपडेटेड गाइलाइंस की घोषणा की.